सावधान! आ रहा है यास तूफ़ान | Storm is Coming

‘आज कुछ तूफानी करते हैं।’ दोस्तों आपने टीवी पर एक ब्रैंड की एड शूट में हजारों बार ये टैगलाइन सुनी होगी। ये टैगलाइन किसकी है हमें कमेंट करके जरूर बताएं storm is coming । नहीं, हम यहां पर किसी ब्रैंड की प्रोमोशन नहीं कर रहे। दरअसल, आज हम आपसे बात करने जा रहे हैं एक गंभीर विषय के बारे में। जैसा कि आप सब जानते हैं कि इन दिनों भारत में कई प्रकार के तूफान उठने शुरू हो गए हैं।

कोरोना के कारण लोगों के दिलों में जो डर का तूफान उठना शुरू हुआ था वो अभी थमा भी नहीं, कि कई सारे तूफानों ने भारत में अपनी एंट्री कर ली है। बस वो सब लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इसी कड़ी में अभी हाल ही में आप सब ने ‘ताउते’ तूफान storm is coming की दहशत देखी। यह तूफान बंगाल की खाड़ी में आया था। इसके कारण लाखों घरों को नुकसान पहुंचा था। खास तौर पर मुंबई के ऐसे घर जो कि समुद्र के दायरे के आस पास थे उन घरों को काफी हद तक नुकसान उठाना पड़ा था। इन तूफानों के कारण भारत के विभिन्न राज्यों में मूसलादार बारिश भी लोगों ने झेली। भारत के पश्चिमी हिस्से में ताउते तूफान ने गदर तबाही मचाई।

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अब एक और तूफान दस्तक दे रहा है उसका नाम है ‘यस’। आशंका जताई जा रही है कि यह तूफान मुख्य तौर से भारत के पूर्वी इलाकों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। मौसम विभाग की मानें तो यह तूफान 26 मई को पंश्चिम बंगाल एवं ओडीशा के तटों storm is coming को पार कर सकता है। इसी रविवार को वायु सेना ने करीब 21 टन राहत सामग्री भी पहुंचाई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके भयानक रूप के चलते हाई लेवल मीटिंग की है। मीटिंग में सभी अधिकारियों को इससे निपटने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए हैं।

भारत में जब जब कोई भयानक प्राकृतिक आपदा आई है जैसे भूकम्प, बाढ़ आदि तो एनडीआरएफ यानी कि नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स की टीम storm is coming देवदूत बनकर सामने आई है। इस बार भी इस तूफान से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम से करीब 33 जवानों ने मोर्चा संभाला है। आपको बता दें कि अगर आप कहीं बाहर यात्रा करने का सोच रहे हैं तो पहले इस बात की जानकारी ले लें कि कहीं आपकी ट्रेन को भी तो रद्द नहीं कर दिया गया है? रेलवे ने ‘यस’ तूफान के कहर को भांपते हुए करीब 86 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है। ये ट्रेनें 23 से लेकर 28 मई तक के लिए रद्द रहेंगी।

तूफान का नामकरण: दरअसल इस तूफान का नाम यास एक फारसी शब्द है। इस शब्द का अंग्रेजी में मतलब होता है जैसमिन। इसका हिन्दी में मतलब होता है ‘निराशा’। इस तूफान storm is coming को यह नाम ओमान देश की ओर से इसके भयानक स्वरूप को देखते हुए दिया गया है।

आईएमडी यानी इंडियन मीटिओरोलोजिकल डिपार्टमेंट ने कई राज्यों में इस तूफान को लेकर भारी चेतावनी जारी की है। इनमें सबसे उपर हैं पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्य। अंडेमान-नीकोबार द्वीप समूह पर भी इसका विशेष असर देखने को मिलेगा।

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ये देश तय करते हैं तूफानों के नाम: दरअसल किसी भी तूफान का नाम रखने का निर्णय 13 देश मिल कर लेते हैं। इनमें भारत, बांगलादेश, पाकिस्तान, मालदीव, म्यांमार, श्रीलंका, ओमान, थाईलैंड, ईरान, कतर, यमन, संयुक्त अरब अमिरात और साउदी अरब देश शामिल हैं।
एक अनुमान के मुताबिक जब ‘यास’ तूभान storm is coming भारत में प्रवेश करेगा, उस दौरान हवाएं 140.150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेंगी।

क्या करें क्या न करें: दोस्तों, अब यह भी जान लीजिए कि आपको तूफान storm is coming के दौरान क्या करना है और क्या करने से बचना चाहिए ताकि जाने-अनजाने आपकी जान को कोई भी खतरा न हो जाए।

  • सबसे पहले तूफान के दौरान अपने घरों में लगी हुई बिजली की एमसीबी को ततकाल ऑफ कर दें।
  • इसके अलावा आपको ध्यान देना है कि आपका गैस का कनेक्शन भी ऑफ रहे।
  • सभी खिड़की और दरवाजों को अच्छी तरह से बंद कर लें।
  • अगर बिल्डिंग गिरने लगे या फिर हिलने लगे तो घबराएं नहीं। घबराहट में ही अकसर हम ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे हमारी जान पर बन आती है। ऐसी स्थित में आप सबसे पहले अपने आप को किसी कंबल या गद्दे से कवर कर लें।
  • आपको चाहिए कि आप किसी भी मजबूत वस्तु को जैसे पानी का पाइप या फिर किसी पिलर को मजबूती के साथ पकड़ लें।
    अगर पलायन की अधिकारिक घोषणा होती है तो तुरंत साइक्लोन शेल्टर में पहुंचें।
  • साथ ही साथ मौसम की जानकारी भी लेते रहें।
  • अगर आप मछुआरे हैं तो इस बात का खास ख्याल रखें कि ऐसे मौसम में मछली पकड़ने बिलकुल भी न जाएं। इससे आपकी जान को खतरा हो सकता है।

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    कहां से आया है ‘यास’: दोस्तों, आपको बता दें, यह तूफान ओमान से आया है। यही कारण है कि ओमान ने ही इस तूफान storm is coming का नामकरण किया है। बताया जा रहा है कि यह तूफान पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 750 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है। यह तूफान करीब दो दिन या यूं कहें कि 48 घंटों तक भारत में रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।

दोस्तों, उम्मीद है आपको हमारा ये लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसी ही लेटेस्ट अपडेट्स के लिए बने रहिए ग्लोबल केयर के साथ।

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